Diwali के दूसरे दिन निभाई प्राचीन परंपरा, कलंगी और तुर्रा सेना के बीच हुआ हिंगोट युद्ध
इंदौर में दीवाली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, जहां दीपावली के बाद अलग-अलग परंपराओं को निभाने का सिलसिला भी शुरू हुआ। वहीं इंदौर के पास गौतमपुरा में हर साल दीपावली के बाद हिंगोट युद्ध का आयोजन किया जाता है, जिसमें कलंगी और तुर्रा दो सेनाओं के बीच हिंगोट युद्ध होता है। अबकी बार भी हिंगोट युद्ध का उत्साह देखने मिला, जहां दोनों ही सेनाओं ने एक दूसरे पर जमकर हिंगोट बरसाए।
कलंगी और तुर्रा दोनों ही दल के योद्धा हिंगोट युद्ध से कई दिनों पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं, जहां युद्ध के दिन दोनों ही दलों के योद्धा भगवान देवनारायण का आशीर्वाद लेने के बाद मैदान में आमने-सामने खड़े हो जाते हैं, और युद्ध का संकेत मिलते ही एक दूसरे पर हिंगोट बरसाने शुरू कर देते हैं। इस दौरान दोनों ही दलों के योद्धा अपने हाथों में ढाल और हिंगोट लिए नजर आते हैं। इस दौरान मैदान का नजारा कुछ इस तरह लगता है कि, पूरे मैदान में हिंगोट ही हिंगोट नजर आती है।
कुलमिलाकर, देखा जाए तो इंदौर के पास गौतमपुरा में हर साल दीपावली के बाद हिंगोट युद्ध का आयोजन किया जाता है, जिसमें कलंगी और तुर्रा दो सेनाओं के बीच हिंगोट युद्ध होता है। अबकी बार भी हिंगोट युद्ध का उत्साह देखने मिला, जहां दोनों ही सेनाओं ने एक दूसरे पर जमकर हिंगोट बरसाए।