एमपी-citiesएमपी-ब्रेकिंगमेरा-देशराजधानी-रिपोर्टविशेष

MP news: टमाटर के बाद अब प्याज की बारी, क्या महंगा होने की है तैयारी, जानिए?

प्याज की कीमतों में वृद्धि के संकेतों के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया। सरकार के फैसले का महाराष्ट्र की मंडियों में किसान और व्यापारी विरोध कर रहे है लेकिन इंदौर की प्याज मंडी पर इसका असर नहीं देखा गया। पिछले दो दिनों से प्याज की कीमतें स्थिर बनी हुई है, जबकि किसानों को अंदेशा था कि निर्यात शुल्क बढ़ने से प्याज के दाम तेजी से गिरने लगेंगे।

प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और त्योहारी सीजन से पहले कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्याज पर 40% निर्यात शुल्क बढ़ा दिया है। निर्यात शुल्क बढ़ने से किसानों को अंदेशा है की प्याज की कीमतों में तेजी से गिरावट आएगी। इसके विरोध में महाराष्ट्र सहित देश के कुछ राज्यों के किसानों और व्यापारियों ने मंडी बंद रखी। निर्यात शुल्क बढ़ाने का इंदौर प्याज मंडी पर कोई असर नहीं हुआ। निर्यात शुल्क बढ़ने के बाद से इंदौर मंडी में सतत व्यापार जारी है। आलू प्याज संगठन के अध्यक्ष ओमप्रकाश गर्ग के अनुसार दो दिनों में प्याज के दाम में कोई गिरावट दर्ज नहीं हुई है जबकि आवक भी सामान्य बनी हुई है।

ओमप्रकाश गर्ग के मुताबिक इंदौर से प्याज का निर्यात नहीं होता है, ऐसे में निर्यात शुल्क बढ़ने का व्यापार पर कोई असर नहीं होगा। दिल्ली की थोक मंडियों में प्याज के दाम तेज होने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया था, इसके विपरीत इंदौर की मंडी की बात की जाए तो यहां 20 से 22 रुपए प्रति किलो ब्याज की बिक्री थोक मंडी में हो रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button