Raksha bandhan 2023: राखी बांधने का ये है सबसे खास मुहूर्त, कब तक रहेगा भद्रा का असर, जानिए?
रक्षाबंधन का पर्व नजदिक है, और ऐसे में रक्षाबंधन पर्व पर अबकी बार भी भद्रा का साया होने के चलते पर्व कब और कैसे मनाया जाए इसे लेकर संशय व्याप्त है. वहीं इन्ही सभी संशयों का निवारण करते हुए आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक ने रक्षाबंधन त्योहार 30 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 02 मिनट से लेकर 31 अगस्त की सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक मनाने की बात कही है.
मध्यप्रदेश ज्योतिष एवम् विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक ने एमपी न्यूज के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत कर बताया की, रक्षा पर्व भद्रा समाप्ति के बाद ही प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मनाया जाना शास्त्र सम्मत रहेगा। 30 अगस्त बुधवार को प्रातः 10.58 बजे तक चतुर्दशी तिथि है बाद में पूर्णिमा प्रारंभ होगी जो 31 अगस्त गुरुवार को प्रातः7.05 बजे तक रहेगी। भद्रा बुधवार को प्रातः 10.59से रात्रि 9.02 बजे तक रहेगी। 31 अगस्त को पूर्णिमा तिथि प्रातः7.05 बजे तक ही है जो त्रि मुहूर्त व्यापिनी नहीं है। भद्रा में रक्षा बंधन का पूर्णतः निषेध किया गया है, भद्रा चाहे किसी भी लोक की क्यों न हो। ऐसी स्तिथि में रक्षा बंधन का पर्व भद्रा समाप्ति के बाद अर्थात 30 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 02 मिनिट के बाद ही मनाना जाना शास्त्र सम्मत रहेगा।
कुलमिलाकर, देखा जाए तो रक्षाबंधन का पर्व नजदिक है और ऐसे में रक्षाबंधन पर्व पर अबकी बार भी भद्रा का साया होने के चलते पर्व कब और कैसे मनाया जाए इसे लेकर संशय व्याप्त है. वहीं इन्ही सभी संशयों का निवारण करते हुए आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक ने रक्षाबंधन त्योहार 30 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 02 मिनट से लेकर 31 अगस्त की सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक मनाने की बात कही है.