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Indore: 32 साल के संघर्ष की कहानी, हुकमचंद मिल मजदूरों की जुबानी

हुकमचंद मिल मजदूरों के 32 सालों का संघर्ष अब जीत में तब्दील हो चुका है, जहां सरकार ने मिल मजदूरों की पेंशन और भत्ते का पैसा चुकाने के आदेश दे दिए हैं. वहीं अब सालों से संघर्ष से मिली जीत की खुशी मजदूरों के चेहरे पर दिखाई दे रही है, तो वहीं नम आंखों इस बात की गवाही दे रही है की इस जीत के कितने खास मायने हैं. सालों का संघर्ष इतना कठिन रहा की कुछ मजदूरों ने संघर्ष करते-करते ही जिंदगी को अलविदा कह दिया, तो वहीं अब जो बचे हैं, वे इस पैसे से जिंदगी की नई राह बनाने का सपना बुन रहे हैं.

32 सालों से चेहरे पर शिकन लिए हर रविवार बैठक में पहुंचने वाले हुकमचंद मिल के मजदूरों के न्याय का रास्ता अब साफ हो गया है, जहां सोमवार को सीएम मोहन यादव इंदौर आकर मिल मजदूरों को उनका पैसा सौंपेंगे. वहीं मिल मजदूरों को मिले न्याय में हजारों लोगों ने संघर्ष की राह चली है, यही कारण है की अब यह संघर्ष पूरा होता दिखाई दे रहा है. मिल में काम करने वाले मजदूरों से जब एमपी न्यूज ने संघर्ष की दास्तां जाननी चाही तो लगभग सभी की आंखों में आंसू आ गए, और सभी ने एक सूर में सिर्फ इतना ही कहा, संघर्ष अब पूरा हुआ.

इधर, अब मिल मजदूरों के परिवार में भी खुशी है, जहां मजदूरों के परिजनों का मानना है की हमारे अपनों ने अपने अधिकार के लिए खूब लड़ाई लड़ी वहीं अब उन्हें इस लड़ाई में जीत मिली है.

कुलमिलाकर, देखा जाए तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल वाजपेयी के जन्मदिवस सुशासन दिवस पर इंदौर के कनकेश्वर धाम में हुकुमंचद मिल के मजदूरों को उनका हक देने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली जुड़ेंगे और मजदूरों को संबोधित करेंगे।

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