Indore: अक्षय बम के खिलाफ कांग्रेसियों ने लगाए पोस्टर, लिखी ये बात
इंदौर में कांग्रेस नेताओं ने BJP नेता अक्षय बम के खिलाफ अनोखा विरोध किया है, जहां कांग्रेस नेताओं ने आयडलिक कॉलेज के संचालक अक्षय बम का पोस्टर लगाकर दर्शा कर पूछा सवाल की, साइकिल पर चलने वाला कैसे बना करोड़पति।
साथ ही भाजपा सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने विश्वविद्यालय पर हल्ला बोल पोल-खोलो अभियान की शुरुआत काली पट्टी बांधकर पोस्टर लगाकर शुरुआत की है। साथ ही शहरभर के कॉलेज में अभियान चलाने की बात कही है।
इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने बताया है कि, इंदौर शहर कांग्रेस द्वारा शिक्षा के अवैध धंधा बनाने वाले शिक्षा माफिया के खिलाफ देवी अहिल्या विश्वविद्यालय पर काली पट्टी बांधकर हल्ला बोल पोल खोलो अभियान चलाकर पर्दाफाश अभियान चलाया गया, जिसके तहत शिक्षा की आड़ में अनियमिताएं अवैध धंधे बनाने वाले आयडलिक कॉलेज के एमबीए पेपर लीक कांड के कॉलेज संचालक अक्षय बम साइकिल से कैसे कुछ ही वर्षों में ही कैसे बना करोड़पति और 15 लाख की घड़ी पहनने लगा हैं और बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों में चलता हैं अक्षय बम का पर्दाफाश करते हुए इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय पर पोस्टर जारी कर दर्शाकर दिखाते हुए काली पट्टी बांधकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अलावा रीगल चौराहा,रेलवे स्टेशन,बस स्टेशन,ई-रिक्शा,रिक्शा,बसों पर यह पोस्टर लगाए गए।
यादव ने बताया है कि, जहां गलत निर्णय के लिए कॉलेज संचालक अक्षय बम एवं प्राचार्य तो दोषी है ही वहीं कॉलेज की मान्यता निरस्त नहीं करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन, कुलपति, कार्यपरिषद सदस्य, उच्च शिक्षा आयुक्त भी दोषी हैं, जिन्होंने मान्यता निरस्त नहीं की, जो इंदौर मे काले अक्षरों में लिखा जाएगा।
यादव ने आगे बताया है कि, भाजपा नेता अक्षय बम के कॉलेज में वर्षों से अनियमिताएं हो रही है, और केवल 10-12 छात्रों की ट्यूशन पड़ाने वाला और साइकिल पर चलने वाला अक्षय बम अपने कॉलेज में अनियमिताएं करके और शिक्षा को अवैध धंधा बनाकर कुछ ही वर्षों में करोड़पति बन गया, और शिक्षा का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया। शिक्षा को धंधा बनाने वाले अक्षय बम के कॉलेज की तमाम गड़बड़ियां बता रही हैं की, बम के कॉलेज से हुए पेपर लीक मामले में कर्मचारियों पर ही कार्रवाई की गई, मालिक अक्षय बम को छोड़ दिया गया, क्या मालिक अक्षय बम और प्राचार्य की मर्जी के बिना कर्मचारी (प्यादे) कुछ कर सकते हैं क्या? सरकार की मर्जी किसे दोषी माने, जो उन्हीं की भाजपा नेताओ के इशारे पर कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय बम ने उम्मीदवारी वापस ली थी, उसी का इनाम सरकार ने उसे दिया है केवल 5 लाख का जुर्माना एवं उसके कॉलेज से 3 साल के लिए परीक्षा केंद्र को हटाए गया है, और कॉलेज की मान्यता रद्द नहीं की गई। अक्षय बम के एक ही कैंपस में कई कॉलेज चल रहे हैं, जो नियमो की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं अन्य कॉलेजों में भी अनियमिताएं पाई जाती हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाना चाहिए।